भक्ति आंदोलन
शंकराचार्य –
शंकराचार्य –
- शंकराचार्य का जन्म 788 ई० मे कल्लादी केरला में हुआ।
- शंकराचार्य को क्रिप्टोबुद्धा कहा जाता है।
- शंकराचार्य ने चार अलग-अलग जगहों पर चार मठों को स्थापित किया।
- उ० – जोशी मठ (उत्तराखण्ड)
- प - द्वारिका मठ (गुजरात)
- पू० – पुरी मठ (उड़ीसा)
- द० – संग्रेरी मठ (कर्नाटक)
रामानन्द –
- रामानन्द के गुरु का नाम रामानुजाचार्य था। इन्होने भक्ति आन्दोलन को दक्षिण भारत से उत्तर भारत की ओर फैलाया।
- रामानन्द के बारह शिष्य थे। जिसमें १० शिष्य पुरुष तथा दो शिष्य महिला थी।
1.
कबीर (कुलाहा)
2.
सेन (सोनाई)
3.
रविदास (मोची)
4.
पीपा (राजपूत)
रैदास –
- रैदास ने रैदासी सम्प्रदाय की स्थापना की।
चैतन्य महाप्रभु –
- चैतन्य का जन्म पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में 18-feb-1486 में हुआ। चैतन्य के बचपन का नाम निमाई पण्डित था।
- परन्तु उनका वास्तविक नाम विश्वाम्भर मिश्र था।
- भारतीय संगीत में कीर्तन चैतन्य महाप्रभु द्वारा लाये गए।
मीराबाई –
- मीराबाई का जन्म राजस्थान के मेरता में एक राठौर परिवार में हुआ। मीराबाई श्री कृष्ण की बहुत बड़ी भक्त थी।
सूरदास –
- सूरदास का जन्म उ०प्र० में हुआ। सूरदास जन्म से अन्धे थे। सूरदास ने कुछ महत्वपूर्ण किताबे लिखीं।
1.
सूरसागर
2.
साहित्यलहरी
3.
सूरसारावली
नरसिंह मेहता –
- नरसिंह मेहता का दूसरा नाम नरसी मेहता था। वह गुजारत से सम्बन्ध रखते थे।
- नरसिंह मेहता ने एक गीत की रचना की (वैष्णवजनतोतेने कंहईये) जो की गाँधी का बहुत प्रिय गीत था।
गुरूनानक –
- गुरूनानक का जन्म 15 अप्रैल 1469 में हुआ तलवन्डी, नानकाना सहायक पाकिस्तान में हुआ.
- मर्दाना गुरूनानक का पहल अनुयायी था। तथा अधिक समय तक साथी रहा।
- मर्दाना रवाव बजाया करता था गुरूनानक जी की मृत्यु 22 sept. 1539 ई० में कर्तारपुर में हुई। ये सिक्खों के पहले गुरू थे।
कबीर –
- कबीर का जन्म वाराणसी में हुआ कबीर के माता पिता नीरू और नीमा थे।
- कबीर ने जातिवाद तथा मूर्तिपूजा की आलोचनाकी। तथा ईश्वर एकता, पर बल दिया। कबीर ने कुछ महत्वपूर्ण किताबों की रचना की ः-
1.
बीजक (यह एक पवित्र शास्त्र है )
2.
साखी
3.
सबद
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