Sunday 3 February 2019

Should it be allowed to carry a Video Camera to everywhere or it should be banned for few places?

Answer -


  • 21th Century brought Digital revolution in the whole world, it revolutionized every sphere.
  • Although in the initial stage  there were not much awareness about , what is internet even very few peoples knew  the use of Computers.
  • As time proceeds the awareness spread and a common man get knowledge of Computers and its benefits.
  • Our Former PM Rajiv Gandhi did great job to bring technology in India , later on the use of technology becomes necessity for better and quick job, as Computers do.
  • Our first Super Computer was made and named PARAM, and the world recognize our capabilities in the field of technologies. ( we have also developed indigenous Cryogenic engine, super computer etc.)


Should it be allowed to carry a Video Camera to everywhere


  • No doubt technology gives us what we even can not Imagine in our life but every things has its pros and cons nothing is absolute in the world.
  • Now a days every smart phone has a Camera its good , every body is busy in taking shot but they don't know which scene or incident should not be captured.
  • If you have little knowledge of internet , can easily make an account on YOUTUBE and upload a video.
  • Some times people capture scenes or  make videos which can ruin somebodies life.
  • People goes to holy places (Pilgrims) with their families , on the bank of river they usually bath (including Females) but they are not aware of that somebody is capturing this moment in there camera and he is going to upload this on Internet.
For an Example -  People is going to KUMBH MELA at Pryag Raj and they are Capturing Photos or Videos of Naga Hermits and uploads on Internet and by this unknowingly an unethical debates goes on , on Internet.

  • People easily associates themselves in such debates and comments what they want, without even having a little Knowledge about Culture.
 it should be banned for few places

  • In My opinion we are enjoying Fundamental Rights but remember they are not Absolute, that means we have some limitations on regard of our freedom.
  • Government can ban the unethical use of anything which cause differences and  disturbances in Society.

To Conclude , It should be the duty of every citizen to know what is right or ethical and what is wrong.In our Constitution we have 11 Fundamental Duties but Unfortunately very few people are aware of it. its duty of every citizen to understand the Values of Constitution and respect each other.

"Unlike a drop of water which loses its identity when it joins the ocean, man does not lose his being in the society in which he lives. Man's life is independent. He is born not for the development of the society alone, but for the development of his self."

 B. R. Ambedkar

Thursday 31 January 2019

Indian history basic

Father of history is Herodotus.

Hegel a German philosopher once said that history repeats itself and later this term was repeated  by Karl Marx again.

According to British historian E.H Carr, history is an unending dialogue between past and present.

Christoph Cellarius German historian was the first historian who gave a tripartite division of history that means it includes ancient mediaeval and modern history.

Hindu text includes Shruti and Smriti.

Shruti's are those text which was revealed after hearing from gurus and smritis are those text which was memorized and then delivered.

Shruti text includes Samhitas or  Vedas, brahmanas ,aranyakas and Upanishad.

Smriti text includes vedanga, sutras ,smritis, epic such as Ramayana and Mahabharata and Puran.

Vedas focus more light on religious social and economic life and less light on political life of Aryans.

The best learning of operations is para- Vidya that is spiritual learning.

the aim of life is merging the individual soul in two worlds soul which is known as para -Vidya.

The combine study of brahmanas and upanishads provides historical information from king Parikshit to king bimbisar.


kautilya's Arthashastra was compiled in the 4th century BC it provides not only detailed information regarding the system of administration but also an idea of social and religious life of people of that time.

The best example of earliest historical writing which was given by Raj tharangini ( the stream of kings) which was authored by kalhana in the 12th century a.d. It is the string of biography of kings of Kashmir.

Maharshi Panini authored a steady it is a grammar book.

Patanjali authored mahabhashya which is a basically a commentry book on panis Ashtadhyayi.

Vishakhadatta authored mudra rakshas it is basically a drama book it contains the description of Chandragupta Maurya his prime minister Chanakya and some contemporary kings.

Megasthenes was a Greek ambassador which was sent by seleucus nicator in the court of Chandragupta Maurya.

He authored a book which is called Indica, actually the original book has been lost but later writers like diodorus, strabo, pliny, preserved the passages from the original book and those passages have been collected to give an idea as to what megasthenes think about India.

During the time of Chandragupta II Chinese traveller fa-hien came in India and 399 AD.

During the time of Harshvardhan Chinese traveller hiuen tsang came in India in  629 AD.

He wrote a travel account Si-Yu-ki, he is also known as king or Prince of pilgrims.





मध्य प्रदेश प्रमुख तथ्य

मध्य प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी पचमढ़ी को कहा जाता है।

मध्य प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर खेड़ा गांव को खा जाता है

मध्यप्रदेश की प्रमुख बोलियां गौरी निमाड़ी मालवीय बुंदेलखंडी बघेली है।

मध्यप्रदेश का राजकीय पक्षी दूधराज पैराडाइज फ्लाई कैचर है।

मध्यप्रदेश का राजकीय वृक्ष बरगद का पेड़ है।

मध्य प्रदेश राजकीय पशु बारहसिंघा है

मध्य प्रदेश में राजकीय पशु पक्षी वृक्ष 1 नवंबर 1981 को 25वीं वर्षगांठ पर घोषित किया गया।

मध्य प्रदेश का राज्य पुष्प सफेद लिली है।

मध्य प्रदेश का राज्य खेल मलखंब है।

मध्य प्रदेश की राज्य की मछली महाशीर है।

मध्य प्रदेश का राज्य नृत्य राई है।

मध्य प्रदेश का राज्य नाटक माचा है।

मध्य प्रदेश की सबसे कम सीमा गुजरात से तथा सर्वाधिक सीमा राजस्थान से लगती है।

मध्यप्रदेश में विधानसभा सीटें 230 है।
मध्य प्रदेश में लोकसभा सीट है 29 है।
मध्य प्रदेश में राज्यसभा सीटें 11 हैं।

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीटे 47 है।

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीटें 35 है।

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित लोकसभा सीटें 6 हैं।

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित लोकसभा सीटें 4 हैं।

मध्यप्रदेश में जनसंख्या एवं क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा संभाग जबलपुर संभाग है जिसमें 8 जिले हैं।

मध्यप्रदेश में जनसंख्या एवं क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा संभाग शहडोल संभाग है जिसमें 3 जिले हैं।
मध्यप्रदेश में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला छिंदवाड़ा है।

मध्यप्रदेश में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा जिला दतिया है।

जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ी तहसील इंदौर है।

जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटी तहसील ओरछा टीकमगढ़ है।

मध्य प्रदेश का प्रथम आदिवासी शोध संचार केंद्र झाबुआ में स्थित है।

मध्य प्रदेश का प्रथम खेल विद्यालय सीहोर में स्थित है

मध्य प्रदेश का प्रथम विकलांग पुनर्वास केंद्र जबलपुर में स्थित है।

मध्य प्रदेश में जंतर मंतर उज्जैन में स्थित है।

जरदोजी के लिए प्रसिद्ध जिला भोपाल है।

रेलवे बोर्ड सेवा का मुख्यालय भोपाल में स्थित है।

राज्य में भारत हेवी  इलेक्ट्रिकल की औद्योगिक इकाई भोपाल में स्थित है

राष्ट्रीय विधि संस्थान की स्थापना भोपाल में की गई है।

राज्य का पहला जनजातीय कला संग्रहालय जो स्थित है भोपाल में।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में स्थित है जो देश में प्रथम है

देश का एकमात्र वन प्रबंधन संस्थान भोपाल में स्थित है।

मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा जंक्शन इटारसी में स्थित है।

सोयाबीन संयंत्र केंद्र उज्जैन में स्थित है।

देश का पहला सौर चलित टेलीफोन एक्सचेंज अयोल पाटा शिवपुरी में स्थित है

एशिया का पहला शारीरिक प्रशिक्षण महाविद्यालय ग्वालियर में स्थित है।

मध्य प्रदेश का पहला नगर निगम जबलपुर में स्थित है।

मध्य प्रदेश की सर्वप्रथम नगरपालिका दतिया में स्थापित की गई।

मध्य प्रदेश का प्रथम विश्वविद्यालय डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर में हैं।

राज्य की सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ है जिसकी ऊंचाई 1352 मीटर है।

राज्य का एकमात्र उद्यानिकी महाविद्यालय वाला जिला मंदसौर है।

देश की सबसे बड़ी नमाज का वाली मस्जिद ताजुल मस्जिद भोपाल में है।

भारत का प्रथम ऑप्टिकल फाइबर कारखाना मंडीदीप रायसेन में है।

मध्य प्रदेश का पहला सैलरिच जैविक खाद संयंत्र भोपाल में स्थापित किया गया है

हीरा के उत्पादन में मध्यप्रदेश का प्रथम स्थान है।

राज्य का एकमात्र सैनिक अड्डा महाराजपुरा मुरार ग्वालियर में है।

हीरो की प्राप्ति वाला जिला पन्ना है।

महिला नीति बनाने वाला देश का पहला राज्य मध्य प्रदेश है।

वनों का शत-प्रतिशत राष्ट्रीयकरण करने वाला राज्य मध्य प्रदेश है।

हिंदी भाषा में गजट ईयर प्रकाशित करने वाला प्रथम राज्य मध्य प्रदेश है।

बेरोजगारी भत्ता देने वाला देश का पहला राज्य मध्य प्रदेश है।

राज्य के एकमात्र डॉक्टर अंबेडकर समाज कार्य महाविद्यालय का स्थान महू इंदौर में है।

चंदेरी साड़ियों के लिए गुना अशोकनगर फेमस है

महेश्वरी साड़ियों के लिए महेश्वर फेमस।

राज्य का सबसे बड़ा राष्ट्रीय मार्ग एनएच 3 है।

राज्य में बैंक नोट प्रेस देवास में है।

मध्यप्रदेश में न्यूज़ प्रिंट मिल नेपानगर बुरहानपुर में है।

मध्यप्रदेश में सिक्योरिटी पेपर मिल होशंगाबाद में है।

मध्य प्रदेश का पुराना विधानसभा भवन मिंटो हॉल के नाम से जाना जाता है।

मध्य प्रदेश के वनों का प्रकार उष्णकटिबंधीय।

रेप्टाइल पार्क वाला राज्य का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान पन्ना राष्ट्रीय उद्यान है।

नगरीय अपशिष्ट से बहुत उपयोगी जैविक खाद बनाने का संयंत्र ग्वालियर में स्थापित किया गया है।

मध्यप्रदेश में अंत्योदय योजना की शुरुआत ईटखेड़ी गांव भोपाल से की गई।

मध्य प्रदेश का प्रथम प्रोजेक्ट टाइगर वाला राष्ट्रीय उद्यान कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान है।

मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा भौतिक विभाग मालवा का पठार है और सबसे बड़ा अन्य भंडार भी मालवा का पठार है।

मध्यप्रदेश में सर्वाधिक तापमान वाला स्थान गंज बासौदा विदिशा में है।

मध्यप्रदेश में भारत भवन भोपाल में स्थित है जिस के वास्तुकार चार्ल्स कोरिया है।

मध्यप्रदेश में अफीम उत्पादक जिला नीमच मंदसौर हैं।

मध्यप्रदेश में गांजा उत्पादक जिला खंडवा , बुरहानपुर है

मध्य प्रदेश राज्य व्यवस्था को लागू करने वाला पहला राज्य बना।

तेंदू के पत्ते बीड़ी निर्माण में प्रयोग किए जाते हैं और मध्य प्रदेश में उनका स्थान प्रथम है।

मध्य प्रदेश का प्रथम सौर ऊर्जा कस्तूरबा ग्राम इंदौर में है।

मध्य प्रदेश की जीवन रेखा एवं सबसे लंबी नदी नर्मदा है जिसकी लंबाई 13 से 12 किलोमीटर है। और जिस में मध्यप्रदेश में यह 1077 किलोमीटर बहती है।

भारत का जिब्राल्टर उपनाम ग्वालियर को दिया गया है।

सफेद शेरों की भूमि रीवा को कहा जाता है


देश की प्रथम किन्नर महापौर कमला जान है


देश की प्रथम किन्नर विधायक शबनम मौसी थी।

मध्य प्रदेश का न्यूनतम क्षेत्रफल वाला जिला जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान डिंडोरी है।

मध्य प्रदेश का प्रथम आपदा प्रबंधन संस्थान भोपाल में स्थित है।

गौ हत्या पूर्ण प्रतिबंध करने वाला राज्य मध्य प्रदेश।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय देश का पहला अमरकंटक में स्थित है।

मध्यप्रदेश में जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला इंदौर है और सबसे छोटा जिला हरदा है।

राज्य में खंडवा जिले में वर्ल्ड बैंक की सहायता से माइक्रो अर्थक्वेक रिकॉर्डर स्थापित किया गया है।


Wednesday 30 January 2019

मध्यप्रदेश की प्रमुख जनजातियां

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत अनुसूचित जनजातियों के बारे में जानकारी दी गई है इस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति आम सूचना द्वारा जारी कर सकता है।

अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या की दृष्टि से मध्य प्रदेश सारे देश में प्रथम स्थान पर है

मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी जनजाति भील है

भील
द्रविड़ भाषा में इस शब्द का मतलब होता है धनुष से क्योंकि विलो में धनुष बड़ों का अत्यधिक महत्व होता है।
भील प्रदेश की कुल जनजातीय जनसंख्या का 3.08.

भील समाज पितृसत्तात्मक होता है।
भीलो में दो तरह के विवाह होते हैं।
परीक्षा विवाह इसे गोल गधेड़ो कहा जाता है।
अपहरण विवाह इससे भगेरिया कहा जाता है।

भील संसार की सबसे अधिक रंग प्रिय जनजाति है।
भील जनजाति की प्रमुख उपजातियां - बरेला, बैगा , रथियास ,   पटलिया, भीलाला।

भील जनजाति अपने घरों को बड़े आकार में तथा खुले खुले बनाती है जिन्हें कू कहा जाता है


भगोरिया हाट भीलों का आर्थिक समाजिक एवं सांस्कृतिक महत्व का मेला है
उत्सव एवं नृत्य
भगोरिया गौरी घूमर कठपुतली इत्यादि।

यह जनजाति अपनी आजीविका के लिए मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है

भीलो का धर्म आत्मावादी होता है इनके सबसे प्रमुख देवता राजापंथा है।

यह पहाड़ी वनों को जलाकर कृषि करते हैं इनके द्वारा की गई कृषि चीमाता कहलाती है

मादीव, बदबू या भगत जाति का व्यक्ति सबसे पवित्र माना जाता है।

गोंड

गोंड भारत की सबसे बड़ी जनजाति है।

मध्य प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति है।

गोंड जनजाति के धार्मिक विश्वास में टोटम का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है।
इनके प्रमुख देवता बूढ़ादेव है।
इसके अलावा दूल्हादेव सूरजदेव और नारायण देव भी महत्वपूर्ण देवता है।

Gond पारंपरिक रूप से किसान हैं तथा हल इन का प्रतीक है

मुख्य भाषा
गोंडी
डोरली
हल्दी
भरतरी

गोंड की प्रमुख उपजातियां

अगरिया - यह लोहे का काम करते हैं और इन के देवता लोहासुर हैं

परधान - यह मंदिरों में पूजा पाठ तथा पुजारी का काम करने वाले गोंड हैं

कोयला भूतिस- यह नाचने गाने वाले है।

ओझा - यह पंडिताई तथा तांत्रिक क्रिया करते हैं

सोलहसो - यह बढ़ाई गिरी का काम करते है।

बैगा जनजाति

बैगा एक आदिम जनजाति है
यह द्रविड़ वर्ग की जनजाति है , इसे अत्यंत पिछड़ी जनजाति घोषित किया गया है।
इससे धरतीपुत्र या 20 बार कह कर संबोधित किया जाता है।

इस जनजाति के लोग स्थानांतरित कृषि करते हैं जिसे dhahipondu या bevaar कहा जाता है

आँखेंटन और मत्स्यन का इनके जीवन यापन में महत्वपूर्ण योगदान है

इनका प्रमुख औजार कुल्हाड़ी है।

कल के प्रमुख देवता बूढ़ादेव है।

बैगा जनजाति के लोग गांव की रक्षा करने के लिए ठाकुरदेव तथा बीमारियों से रक्षा के लिए दूल्हादेव की पूजा करते हैं।

इनके प्रमुख नृत्य -
करमा
सैला
परधोनी
फाग

कोरकू जनजाति

कोरकु , मुंडा अथवा कोल जनजाति की एक शाखा है कोरकू का मतलब होता है मनुष्यों का समूह।

डोंगर देव बटुआ एवं गांव के देवता इन के प्रमुख देवता है

पचमढ़ी क्षेत्र में रहने वाले कोरकू बंदोरिया कहलाते हैं।

अमरावती जिले के कोरकू आदिवासी  रूमा कहलाते हैं

बैतूल जिले के कोरकू आदिवासी बावरिया कहलाते हैं

सहरिया जनजाति

यह कोलारिय परिवार की एक अत्यंत पिछड़ी जनजाति है

फारसी भाषा में शहर का मतलब जंगल होता है और यह लोग जंगल में निवास करते हैं इसीलिए इन्हें सहरिया कहा जाता है।

भारिया जनजाति

यह गोड़ जनजाति की एक शाखा है
मध्य प्रदेश में यह मुख्यतः जबलपुर छिंदवाड़ा जिले में पाई जाती है।

इनकी प्रमुख उपजातियां
भूमिया
भूमिहार
पैडो

प्रमुख त्यौहार
बीदरी पूजा
नवाखानी
जवारा

कोल
यह मुंडा समूह की एक अत्यंत प्राचीन जनजाति है इसका मूल स्थान मध्य प्रदेश के रीवा जिले का कुराली क्षेत्र है।

कोल जनजाति का उल्लेख ऋग्वेद, मत्स्य पुराण महाभारत एवं रामायण आदि प्राचीन ग्रंथों में किया गया है

कोल मध्य प्रदेश के विंध्य कैमूर श्रेणियों के मूल निवासी है।

कोल जनजाति संगीत के शौकीन होते हैं।

इनका प्रसिद्ध आदिम नृत्य कोलदहका है।

इनकी पंचायत को गोहिया पंचायत कहा जाता है

कॉल की उपजातियां

रोहिया
रोठेल

पारधी जनजाति
यह जनजाति सीहोर और रायसेन जिले में मिलती है।

नोट- जिले की जनसंख्या जनजातीय प्रतिशत के आधार पर झाबुआ।

सबसे कम जनजातीय जनसंख्या वाले जिले भिंड दतिया शाहजहांपुर और उज्जैन है।

भारत में कुल आबादी का 8.6% हिस्सा जनजातियों का है जिसमें मध्य प्रदेश की कुल आबादी में 21. 10% हिस्सा जनजातियों का है जबकि देश के कुल अनुसूचित जनजातियों की संख्या का मध्य प्रदेश में 14. 6 9 प्रतिशत हिस्सा निवास करता है।

मध्य प्रदेश की दहिया जाति अनुसूचित जाति में शामिल होगी।

मध्य प्रदेश की गोंड जनजाति में भाई का लड़का और बहन की लड़की अथवा भाई की लड़की और बहन का लड़का में विवाह प्रचलन है जिससे यह लोग दुग्ध लौटावा कहते हैं।

कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

बिझवार , कठमैना बैगा जनजाति की उपजातियां हैं।

आदिवासी उपयोजना का प्रारंभ पांचवी पंचवर्षीय योजना से शुरू हुआ।

आदिवासी शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम ठक्कर बापा द्वारा किया गया

मध्यप्रदेश के भिंड जिले में न्यूनतम जनजाति जनसंख्या पाई जाती है।

गोल गधेड़ो विवाह प्रथा भील जनजाति में पाई जाती है।

भगोरिया नृत्य भील जनजाति में प्रचलित है।

पातालकोट छिंदवाड़ा में भारिया जनजाति रहती है।

सहरिया जनजाति मुख्य रूप से गुना अशोकनगर शिवपुरी में निवास करती है।

आदिम जाति कोरकु मध्यप्रदेश में उत्तर पश्चिम के जिले में पाई जाती हैं

लमसेना विवाह पद्धति बैगा में प्रचलित है।

फारसी भाषा में सहर का मतलब जंगल होता है


सैला बैगा जनजाति का नृत्य है