Wednesday 30 January 2019

MP -GK (PART -1)

मध्यप्रदेश नामकरण पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया।
सिंगरौली को मध्यप्रदेश की ऊर्जा राजधानी कहा जाता है।
15 अगस्त 2013 को मध्यप्रदेश का 51 वां जिला आगरमालवा शाहजहांपुर जिले से अलग करके बनाया गया।

मध्यप्रदेश में तीन मुख्य भौतिक प्रदेश हैं।
1. मध्य प्रदेश यह सबसे बड़ा प्रदेश है इसके अंतर्गत
रीवा पन्ना का पठार मालवा का पठार बुंदेलखंड का पठार मध्य भारत का पठार नर्मदा सोन घाटी आते हैं

2. सतपुड़ा मैकल श्रेणी
इसके अंतर्गत सतपुड़ा श्रेणी और मैकल श्रेणी आते हैं
3. पूर्वी पठार
इसके अंतर्गत बघेलखंड का पठार आता है।

मध्य प्रदेश में कुल 10 संभाग हैं वर्तमान में और 52 जिले हैं जिनमें से निवाड़ी जिला नया बनाया गया है।

होशंगाबाद संभाग का नाम बदलकर नर्मदापुरम संभाग कर दिया गया है।

मध्य प्रदेश की जलवायु मानसूनी है मध्यप्रदेश में कर्क रेखा लगभग मध्य से गुजरती है इसीलिए 21 मार्च के बाद सूर्य उत्तरायण होने लगता है मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा गर्मी मई के महीने में होती है।

मानसून के कारण मध्य प्रदेश के अधिकांश भागों में मई का औसत तापमान जून से अधिक होता है।

मई महीने में मध्यप्रदेश में सर्वाधिक तापमान खजुराहो में 49. 2 डिग्री सेल्सियस अंकित किया गया है

मध्य प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान 33.90 डिग्री सेल्सियस है।

मध्य प्रदेश मानसून से वर्षा प्राप्त करता है इसीलिए अधिकांश वर्षा जून से सितंबर महीने के मध्य होती है यह वर्षा उन हवाओं द्वारा होती है जिन्हें दक्षिण पश्चिमी मानसून कहा जाता है।

मध्य प्रदेश की मौसम ऋतु वेधशाला इंदौर में स्थित है
मध्यप्रदेश में औसत वार्षिक वर्षा 112 सेंटीमीटर होती है।

मध्य प्रदेश की जलवायु को उष्णकटिबंधीय स्वरूप प्रदान करने में कर्क रेखा का प्रमुख योगदान होता है

मध्यप्रदेश में सर्वाधिक वर्षा पचमढ़ी में होती है

मध्य प्रदेश में सबसे कम वर्षा भिंड में होती है

 मालवा पठार सबसे गर्म महीना मई का होता है

पचमढ़ी में औसत वर्षा 212. 3 सेंटीमीटर होती है

 मध्य प्रदेश में शीत काल में पश्चिमी विक्षोभ में होने वाली वर्षा को सिथाला  कहा जाता है





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