Shivaji
Ø मराठा वंश को शिवाजी ने स्थापित किया। शिवाजी का जन्म 19-feb-1630 ई० मे शिवनेर में हुआ
Maratha empire was
established by Shivaji , he got birth in 19-feb-1630 at shivner.
Ø शिवाजी के पिता का नाम शाहजी भोसले था तथा माता का नाम जीजाबाई था।
Shivaji’s father was shah ji bhonsle and
mother was jijabai.
Ø शुरुआत में शाह जी के पास अहमदनगर की कमान थी
Earlier Shahji was an officer in
Ahemadnagar and later and later joined bijapur.
Ø शिवाजी के संरक्षक गुरु कोणदेव थे।
Shivaji’s guardian was Guru kondev.
Ø शिवाजी के गुरु रामदास थे। रामदास ने दास बोघ नामक पुस्तक लीखी।
His teacher was Ramdas, who authored a
book called Dasbodh.
Ø 10-nov-1659 में बीजापुर के शासक आदिलशाह(।।) ने अपने सेनापति अफजल खाँन को शिवाजी को मारने भेजा।
In 1659 Ali adil shah second of bijapur sent
his general Afzal khan to capture Shivaji, who was killed by shivaji.
In 1660 Aurangzeb sent Shaista khan
against shivaji , who was forced to move away by shivaji.
Ø परन्तु शिवाजी ने अफजल खाँ को पराजित कर दिया।
Ø 1664 ई० में सूरत को पहली बार लूटा।
Shivaji first time looted surat in 1664.
Ø शिवा जी ने दूसरी बार सूरत को 30 अक्टूबर 1670 में लूटा
Shivaji second time looted surat in 30 oct-1670.
Ø 1665 औरंगजेब ने अपने सेनापति जयसिंह को शिवा जी के पास भेजा जो कि संधि करने में सफल रहे।
In 1665 Aurangzeb sent Jai singh against
shivaji , who concluded a treaty of purandhar with shivaji.
Ø संधि के हिसाब से शिवाजी को औरंगजेब के दरबार में आनाथा। अतः शिवा जी को बंदी बना लिया गया।
Under the treaty shivaji went to agra to
visit aurangzeb’s court , where he was arrested.
Ø 1666 ई० में शिवाजी किसी तरह से मुगल से छूट गए।
In August 1666 shivaji however escaped
from mughal arrest.
Ø 1674 ई० में शिवाजी का बनारस के पन्डित गंगाभट्ट के द्वारा रायगढं में राजतिलक किया गया।
In 1674 Shivaji was coronated at Raigarh
by a pandit of Varanasi Sri ganga bhatta.
Ø 1680 ई० में रायगढ़ में बुखार से पीड़ित होने के कारण शिवाजी की मृत्यु हो गयी।
In 1680 Shivaji died.
Ø शिवाजी के मंत्रीपरिषदों को अष्टप्रधान कहा गया।
The council of Ministers of Shivaji was
called as Ashtapradhan.
Ø शिवाजी ने पुर्तगालियों की मदद से अपनी सेना को आधुनिक बनाया।
Shivaji Modernized his army with the
help of Portuguse.
Ø शिवाजी ने दो कर लागू किया –
i) सरदेश
ii) चौथ
Shivaji collected
two kind of taxes-
1.
chauth
2.
sardesh
Note – Ashtadiggajas was a group of 8 telugu poets in the court
of Krishna dev rai of vijaya nagar.
This was the group of bhakti sects.
Ø शिवाजी के उत्तराधिकारी शम्भाजी थे।
Shivaji’s successor was Shambhaji.
Ø शम्भाजी को मुगलों की सेना ने हरा दिया क्योंकी शम्भा जि ने मुगलों के राजकुमार अकबर(।।।) को पनाह दी थी।
Shambhaji was defeated and killed by Mughal
Army because he had given shelter to the rebellious mughal king akbar third.
Ø शम्भा जी की मृत्यु के बाद उनका पुत्र शाहुजी तथा उनकी पत्नी यशुबाई को मुगलों के द्वारा कैद कर लिया गया।
After the death of Shambhaji his son
shahu and Wife Yeshubai was arrested by mughal army.
Later Rajaram became Maratha
Chhatrapati.
But Rajaram was killed by Mughal Army.
After the death of rajram his wife
tarabai made her infant son Shivaji Second the next Chhatrapati and herself
became his regent.
Ø 1707 औरंगजेब की मृत्यु के बाद बहादुरशाह(।) के समय शाहु जी को मुगल कैद से रिहा कर दिया गया।
After the death of Aurangzeb in 1707AD. Shahuji
was released from Mughal arrest , it was
the time when mughal king was Bahadur Shah first.
Ø राजाराम की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी ने अपने नवजात बच्चे को अगला क्षत्रपति घोषित कर दिया।
Ø कुछ समय बाद शाहुजी तथा ताराबाई के बीच युद्ध हुआ। जिसके उपान्त मराठों के अगले क्षत्रपति शाहुजी बने।
Consequently battle of kheda took place
between Shahu and tarabai in 1707 AD.
After the battle shahu became Maratha
Chhatrapati.
Being obliged Shahu appointed Balaji
vishwnath his peshwa.
From here the the period of peshwa
started in Maratha’s History.
Ø खेड़ा का युद्ध 1707 ई० में ताराबाई और शाहुजी के बीच हुआ शाहु जी मराठों में पेशवा का जन्म हुआ (पेशवा) प्रधानमंत्री के बराबर)
Ø बालाजी विश्वनाथ मराठों के पहले पेशवा थे।
Balaji vishwanath was the first peshwa
of Maratha.
Ø शाहजी(Shahuji) ने बालाजी विश्वनाथ को पहल पेशवा आमंत्रित किया।
Ø 14-jan-1761 ई० मे बालाजी बाजीराव के समय मराठों का अफगानों से पानीपत का तीसरा युद्ध हुआ।
In 14-Jan-1761 the Third Battle of
panipat was fought between Maratha and Afghans.
Ø इस युद्ध में अफगानों का सेनापति अहमदशाह अबदाली मराठों का सेनापति विश्वासराय था।
In this battle the Afghan’s commander was
Ahemad shah abdali and Maratha’s commander was Vishwas rao.
But sadashiv was real commander.
Ø बाजीराव(।।) अन्तिम पेशवा था। जिन्होने अंग्रेजों के साथ सहायक संधि की थी।
Baji rav 2nd was the last peshwa who concluded
subsidiary alliance with britishers.
Ø सहायक संधिक के बाद पेशवा को कानपुर के पास बिठुर भेजा गया तथा इसी प्रकार धीरे-धीरे मराठों की शक्ति कमजोर पड़ती गयी तथा पेशवा का अंत हो गया।
After this alliance peshwa was sent to
bithur near Kanpur on pension, and gradually Maratha empire annexed into British
empire.
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